भीगी रात के दुसरे पड़ाव में Anonymous messaging App “SaRaHa” पर उसका लिंक खोल कर
वो सोच रही थी.
उसकी फ्रेंड ने अभी whatsapp किया था -“ इस लिंक को click करते ही
खुलेगा तुम्हारे किस्मत का बॉक्स/पिटारा. भर देना अपनी ख्वाइशों से. सीधे उसके
मोबाइल तक पहुँच जायेगा. सबसे मजेदार बात ये कि उसे पता भी नहीं चलेगा कि तुमने
भेजा है. जानेमन! सुबह सुबह उसके फेसबुक की दिवार पर चिपक जायेगा ये पोस्टर.”
“ब्लैक शर्ट वाली तेरी DP जबर्दश्त है यार! मैं तो अपने मोबाइल का
वॉलपेपर बना लेती हूँ हर रात.”
उसे तो ऐसे मेसेज कितने आये होंगे? कहीं वो इस मेसेज को दोस्तों की
शरारत न समझ ले. बैकस्पेस पे उँगलियाँ थपकाती हुई वो सोच रही थी-
“उस दिन क्लास में तुम मेरे बगल वाली सीट पर बैठे थे, पूरा लेक्चर
बाउंसर गया था. और तुम्हारे मांगने पर हड़बड़ी में मैंने जो पेन दिया था, उसका कैप
अब तक सम्हाल कर रखा है मैंने.”
नहीं. ये भी नहीं भेजूंगी, ऐसे तो साफ़ पहचान लेगा मुझे. मैं भेजूं ही
क्यों? मगर जब तक कहूँगी नहीं मेरे दिल पर एक बोझ सा टंगा रहेगा. अगर उसने मेरे
मेसेज को पढ़ा ही नहीं या शेयर ही नहीं किया तो? ऐसा तो हो ही नहीं सकता. लड़कों को
इतना तो समझती हूँ मैं.
“योर स्माइल एंड योर आईज....”
तारीफ तो एकदम नहीं करना है. भाव ऐसे ही कम नहीं हैं उसके. ऊपर से हर
फोटो पे लाइक्स से ज्यादा कमेंट्स आते हैं जनाब के. अच्छा तो कोई song ही dedicate
कर दूँ क्या? मगर उसमे ओरिजिनालिटी नहीं होगी.
“विल यु डेट मी ?”
अँधेरे कमरे में उसके चेहरे पर बिखरती मोबाइल की रौशनी साफ़ दिखा गयी
थी उसके होठों की कतारों में होने वाली हलचल को. शरमाते हुए तुरंत डिलीट किया गया
ये मेसेज.
फिर कुछ घंटे यूँही छत को निहारने और उसके प्रोफाइल की सैर करने के
बाद उसने बस ये लिखा-
“Hi! योर सीक्रेट admirer!”
#shortLoveStory #लप्रेक
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