Tuesday, August 22, 2017

ल. प्रे. क. 02: favourite



जब भी मैं तुम्हें कहती हूँ कि वो वाला song मेरा favourite है, तो तुम्हें क्या लगता है कि मैं बस बात करते करते कुछ भी बोल रही हूँ? या फिर कहीं ऐसा तो नहीं ना सोचते तुम, कि ऐसे बस एक और टॉपिक छेड़ देती हूँ मैं, बातचीत जारी रख सकने के लिए, जब भी हम दोनों एक साथ बोल पड़ते हैं - 'और बताओ'!
नहीं नहीं यार! तुम सुनते हो मेरे favourite song को, i know. ख़ास तौर पर जब तुम अपने दोस्तों के बीच होते हो और कही से मेरा वाला गाना बज जाये तो तुम्हें मेरा खयाल जरूर आता है, ये भी अच्छी तरह से जानती हूँ मैं. मगर मैं बस पूछ रही थी कि क्या तुमने कभी सोचा है कि वही song मेरा favourite क्यों है? या मेरे सैकड़ों favourite में से वही क्यो बताया गया है तुम्हें? क्या तुम भी रुकते हो सुनते सुनते उसी लाइन पर जिस पर मैं रुक जाती हूँ? जानते हो, सिर्फ उसी दो लाइंस के लिए मैं पूरे सांग को बार बार सुनती हूं! हाँ मुझे पता है कि जब तक मैं बताऊँ ना, कोई नहीं जान पाएगा कि मुझे किस लाइन पर ठहरने और खुद से रिलेट करने का सुख प्राप्त होता है. मेरी बेवकूफी पर हंसना मत. मगर सच में मैं तुमसे ये expect करती हूँ कि तुम बिन बताए समझ जाओ मेरे लिए किसी भी चीज़ के favourite होने के मायने! काश!

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Ⓒ Govind Madhaw

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